पुस्तकीय ज्ञान की अपेक्षा अनुभवजन्य ज्ञान श्रेष्ठ होता है। छात्राएँ खुले वातावरण में प्रत्यक्ष अवलोकन के द्वारा अनुभव करके, व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकें इस उद्देश्य से प्रतिभास्थली में छात्राओं को प्रतिवर्ष शैक्षणिक भ्रमण के लिए ले जाया जाता है।
प्रतिवर्ष कक्षा 9वीं की छात्राओं को भारत के विभिन्न राज्यों में दीर्घ भ्रमण पर ले जाते हैं जो कि 10 से 15 दिनों का होता है।
छात्राओं को कक्षा के अनुसार विभिन्न लघु क्षेत्र पर्यटन के लिए भी ले जाया जाता है जैसे- फैक्ट्री, प्रिंटिंग-प्रेस, भेड़ा-घाट, खदान, संग्रहालय, विज्ञान-भवन, विधानसभा, इस्पात संयंत्र, राष्ट्रीय उद्यान, आकाशवाणी केन्द्र आदि।
शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से छात्राओं में एक अनुभूति जागृत होती है। वे भारत की विभिन्नताओं के विषय में जो कुछ पुस्तकों में पढ़ती हैं जैसे – इतिहास, भूगोल, विज्ञान, शिष्टाचार और प्रकृति आदि, सभी विषय वे प्रत्यक्ष अवलोकन और निरीक्षण से व्यक्तिगत रूप से जान पाती हैं।
मनोरंजन के साथ साथ छात्राओं में सहयोग, सहानुभूति, सहकारिता, सदभावना, सहनशीलता, प्रेम, कल्पनाशीलता, अन्वेषण, सौन्दर्यानुभूति तथा दूरदर्शिता जैसे मानवीय गुणों का विकास होता है।
उनमें देश की समृद्ध संस्कृति के प्रति विस्तृत दृष्टिकोण, समृद्ध ज्ञान तथा समझ भी विकसित होती है।