कला ही है जिसमें मानव मन में संवेदनाएं उभारने, प्रवृत्तियों को ढालने, चिंतन को मोड़ने तथा अभिरुचि को दिशा देने की अदभुत क्षमता होती है।
विद्यालय में रेखांकन, चित्रकला, मीनाकारी, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, क्विलींग, लमासा, मेक्रम, मार्बल मिनिएचर, टाई और डाई, मेहंदी, क्रोशिया, रंगोली, ग्लास पेंटिंग आदि जैसे हस्त कौशलों से छात्राओं की रुचि के विकास के साथ-साथ अवकाश के समय का सदुपयोग होता हैं।
© प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ रामटेक