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नृत्य कला

नृत्य कला, सभ्यता और संस्कृति को आकार तथा प्रेरणा देती है। कहते हैं यदि भारत देश के दिल की धड़कन को सुनना है तो यहाँ की नृत्य कला को सीखें। 64 कलाओं में से एक प्रसिद्ध कला है नृत्य कला।
एक गतिशील कला के रूप में, रचनात्मक कलाकारों की कलाओं का विकास करने के उद्देश्य से प्रतिभास्थली में प्रत्येक वर्ग की छात्राओं को नृत्यकला का ज्ञान दिया जाता है। नृत्यकला में मुख्य रूप से भरतनाट्यम सिखाया जाता है जिसका प्रशिक्षण शास्त्रीय नृत्य में पारंगत शिक्षिकाओं द्वारा दिया जाता है।
 
 
 
समय समय पर सार्वजनिक प्रस्तुतियों के द्वारा छात्राओं का मनोबल बढाया जाता है। इस प्रकार रस, भाव तथा ताल से युक्त भंगिमाओं को नन्हीं बालिकाएं प्रस्तुत करती हैं।
इसके साथ साथ गरबा, डांडिया, भक्ति-नृत्य जैसी बहुत सी नृत्य कलाओं का प्रशिक्षण भी बालिकाएं प्राप्त करती हैं।