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खेलकूद

प्रतिभास्थली के सात आधार स्तंभों में से एक है- ‘स्वस्थ तन’, जिसे सुदृढ़ बनाने में खेलकूद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेलों को शिक्षा का महत्त्वपूर्ण अंग माना जाता है। खेलों के द्वारा ही छात्राओं में स्फूर्ति, बल, निर्णयशक्ति, संतुलन, साहस, सतर्कता आदि गुण आते हैं।
खेलों के महत्व को देखते हुए प्रतिभास्थली में वर्ष भर छात्राओं को विविध खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है तथा प्रतिवर्ष खेल दिवस के रूप में तीन दिन तक लगातार विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
जिनसे छात्राओं में आगे बढने की वृत्ति, मिलकर काम करने की आदत, हार जीत में समत्व भाव, अनुशासनबद्धता आदि शारीरिक, नैतिक एवं सामाजिक गुणों का और उनके व्यक्तित्व का विकास होता है, जो देश की उन्नति के लिए आवश्यक है।