“गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर
गुरुसाक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम:”
गुरु समान दाता नहीं, याचक शिष्य समान
तीन लोक की संपदा, सो गुरु दीन्हों दान।
गुरु ही ईश्वर हैं। गुरु के समान कोई दाता नहीं।
गुरु की वंदना करने के लिए छात्राएँ गुरुजी के समीप जाने, गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर का चातक पक्षी की तरह इंतजार करती हैं।
और इस विशेष दिन प्रतिभास्थली की पुण्यशाली छात्राओं को प्रतिवर्ष परमपूज्य आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागरजी महाराज के दर्शन का लाभ मिलता है।
दिनभर गुरु वात्सल्य से भीगी हुई ये छात्राएँ गुरूजी की चर्या देखती हैं, संसार की सबसे दुर्लभतम वस्तु गुरुजी का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। इनका जीवन गुरु आज्ञामयी हो और गुरु महिमा को समझ, पल्लवित, पुष्पित हो महक उठता है।
गुरुकृपा से सभी छात्राएं समीचीन जीवन जीने की कला सीखती हैं तथा कर्तव्य निष्ठ नागरिक बनने की सम्यकदृष्टि प्राप्त करती हैं।
इन सभी को सदा मिलती रहे गुरु शरण यही भावनाएँ हैं …
गुरु पूर्णिमा – शिरपुर 2022
गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरु-शिष्य संबंधों का सुंदर दस्तावेज़ प्रस्तुत करते हुए छात्राओं द्वारा आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य एवं समस्त प्रतिभास्थाली परिवार की उपस्तिथि में बिम्ब-प्रतिबिम्ब नाटिका प्रस्तुत की गई। जिसमें आचार्य भगवन को गुरु महाराज आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के प्रतिबिम्ब के रूप में बताया गया।