अभ्युदय (वार्षिकोत्सव)

वर्ष में एक बार ही होता है, किन्तु उसका प्रभाव छात्राओं पर वर्ष भर रहता है। प्रतिभास्थली में प्रतिवर्ष वार्षिकोत्सव मनाया जाता है जिसे अभ्युदय नाम दिया गया है।

वर्ष में एक बार ही होता है, किन्तु उसका प्रभाव छात्राओं पर वर्ष भर रहता है। प्रतिभास्थली में प्रतिवर्ष वार्षिकोत्सव मनाया जाता है जिसे अभ्युदय नाम दिया गया है।

वर्ष 2017, संयम पथ के अविराम यात्री 108 आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का ‘50 वाँ दीक्षा वर्ष’ भारत के कोने-कोने में ‘संयम स्वर्णिम महोत्सव’ के रूप में हर्षोउल्लास से मनाया जा रहा है।

इसी पावन पुनीत अवसर पर, प्रतिभास्थली में छात्राओं के प्रबल पुण्योदय से आचार्य महाराज का ससंघ चातुर्मास प्राप्त हुआ और सौभाग्य प्राप्त हुआ गुरु चरणों में वार्षिकोत्सव मनाने का।

जिसमें छात्राओं द्वारा मंगलाचरण के पश्चात् आचार्यश्री जी द्वारा रचित मूकमाटी पर आधारित नाटिका, मूक अभिनय, कृष्ण-अर्जुन संवाद, अभिनय, कुल दीपक नाटक, भरत नाट्यम एवं नृत्य, योग आदि के माध्यम से संदेशात्मक प्रस्तुतियाँ दी गयीं।