उत्सव और यादगार पल

भारत अनेकता में एकता का देश है। यहाँ पर्व या त्योहार मात्र उत्सव नहीं होते जिन्हें उल्लास और उमंग के साथ मनाकर एक औपचारिकता पूरी कर दी जाती है, बल्कि अधिकांश पर्वों में एक संस्कृति, एक इतिहास और एक परंपरा निहित है, जो मानवता का पाठ सिखाती है और हमारे नैतिक मूल्यों को जीवंत रखती है।

छात्राओं में वसुधैव कुटम्बकम्, पवित्रता, वात्सल्य भाव, सामाजिक उन्नति, राष्ट्रीय व भावनात्मक एकता जैसे गुणों का पोषण होता है।

बौद्धिक के साथ-साथ भावनात्मक विकास के उद्धेश्यों की पूर्ति के लिए प्रतिभास्थली में समय–समय पर विभिन्न पर्व और त्योहारों का आयोजन किया जाता है जैसे– रक्षाबंधन, दीपावली, होली, पर्युषण-पर्व, क्षमावाणी-पर्व, शिक्षक-दिवस, गाँधी-जयंती महावीर-जयंती आदि। और ये उत्सव ही यादगार पल बन जाते हैं।