पाक कला

भिन्न भिन्न प्रकार के स्वादिष्ट पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक भोजन और व्यंजन तैयार करने, उन्हें पकाने, तथा प्रस्तुत करने की कला को पाक कला कहते हैं। शुद्ध सात्विक तरीके से तथा प्रेम, ममता और ममत्व के भावों से बनाया गया भोजन, शारीरिक स्वास्थ्य तथा मानसिक शांति को प्रदान करता है।

एक कुशल गृहणी वही होती है जो किफ़ायत के साथ गृहकार्यों को पूरी दक्षता के साथ करे, जिसके हाथ में रस हो और व्यंजन बनाने की कला में पारंगत हो। कन्याओं में ऐसी कुशलताओं की वृद्धि करने में कार्यरत है- “प्रतिभास्थली”।

जहाँ कुशल शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक प्रत्येक छात्रा को घर के सामान्य भोजन से लेकर सभी प्रकार के व्यंजन बनाने व उन्हें परोसने की कला का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि भविष्य में उसे व उसके परिवार को बाज़ार का अशुद्ध भोजन करने पर मजबूर न होना पड़े।