“स्वाध्याय का वर्ग प्रयोग होना चाहिए” अर्थात यदि दो घंटे अध्ययन या स्वाध्याय करते हैं, तो चार घंटे प्रयोग होना चाहिए। – आचार्य श्री विद्यासागर जी
छात्राओं का शारीरिक, मानसिक, तकनीकी, शैक्षणिक व अध्यात्मिक विकास करने हेतु प्रतिभास्थली में भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला, रसायन प्रयोगशाला, जीवविज्ञान प्रयोगशाला हैं जहाँ पर छात्राएं सूचनाओं को एकत्रित करने के बाद प्रयोग तथा अवलोकन के आधार पर पूर्व निर्धारित नियमों का सत्यापन करती हैं, तथा नवीन संकल्पनाओं की खोज करती हैं।
© प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ रामटेक