जहाँ छात्रावास में रहकर सभी छात्राएं एक साथ विनय, वात्सल्य और एकता के साथ रहना तथा प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना सकारात्मक विचारों के साथ कैसे किया जाये, अपने हर क्षण का सदुपयोग कैसे किया जाये, कैसे सम्हाला जाये स्वयं को और स्वयं की सामग्री को आदि बातें अपने घर अर्थात् छात्रावास में एक साथ रहकर सीखतीं हैं वहीं जीवन में उसको चरितार्थ भी करती हैं।
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ, श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, रामटेक, जिला – नागपुर (महाराष्ट्र)
© प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ रामटेक