सरस्वती भवन

“बहुत नहीं बहुत बार पढने से ज्ञान का विकास होता है।” -आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज

सरस्वती की उपासना के लिए दो आराधना के मंदिर होते हैं, एक विद्यालय और दूसरा पुस्तकालय। पुस्तकालय ऐसा स्थान है जहाँ विविध प्रकार के ज्ञान, सूचनाओं, स्रोतों सेवाओं आदि का संग्रह होता है।
शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जिस प्रकार मनुष्य को संयमित और संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज्ञानार्जन परमावश्यक है।

मस्तिष्क को क्रियाशील और गतिशील रखने के लिए शुद्ध ज्ञान और नवीन विचारों की आवश्यकता होती है यह ज्ञान और शुद्ध विचार हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाशपूर्ण लोक में ले जाते हैं।

छात्राओं के ज्ञान का प्रसार करने तथा जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए पुस्तकें उनकी सबसे अच्छी मित्र की भूमिका निभाती हैं। पुस्तकें अचेतन कृतियाँ होती हैं परन्तु उन्हें पढने से चेतन कृतियों का निर्माण होता है।
 
इसीलिए प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ में एक पुस्तकालयकी स्थापना की गई है जिसे सरस्वती भवन की संज्ञा दी गयी है।
सरस्वती भवन में सन्दर्भ ग्रन्थ, शब्दकोश, नैतिक, सामाजिक, राजनीतिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक, गणित, विज्ञान, संस्कृत, साहित्य आदि सभी विषयों से संबंधित पुस्तकें हैं और विभिन्न विषयों की CD और DVD भी उपलब्ध हैं।
इनके साथ अनेक समाचार पत्र और पत्रिकाएँ भी समय समय पर आती हैं, जिनसे छात्राओं को सम-सामयिक विषयों की जानकारी प्राप्त होती रहती है।